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निर्जला एकादशी की कथा (संक्षेप में):
- निर्जला व्रत: निर्जला एकादशी का व्रत सबसे कठिन एकादशी व्रत माना जाता है क्योंकि इस दिन जल भी नहीं पिया जाता।
- महिमा: इस एकादशी का व्रत रखने से सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है।
- भीमसेन की कथा: भीमसेन, जो पांडवों में सबसे बलशाली थे, उन्हें भोजन के बिना रहना कठिन लगता था।
- ऋषि व्यास: ऋषि व्यास ने भीम को निर्जला एकादशी का व्रत करने का सुझाव दिया ताकि वे सभी एकादशियों का पुण्य एक साथ प्राप्त कर सकें।
- व्रत का पालन: भीमसेन ने निर्जला एकादशी का व्रत रखा और बिना जल के उपवास किया।
- फल: भीमसेन को व्रत के पूर्ण होने पर अपार पुण्य प्राप्त हुआ और उन्होंने अपने पापों से मुक्ति पाई।
- आशीर्वाद: इस व्रत को करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
- उद्देश्य: निर्जला एकादशी का व्रत जीवन में तपस्या और भक्ति का महत्व बताता है।
इस प्रकार, निर्जला एकादशी का व्रत असीम पुण्य और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग है।